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    11.07.2024 : महाराष्ट्र विधान परिषद के शताब्दी वर्ष के अवसर पर महाराष्ट्र विधान मंडल द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम

    Publish Date: July 11, 2024
    महाराष्ट्र विधान परिषद के शताब्दी वर्ष के अवसर पर महाराष्ट्र विधान मंडल द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम

    महाराष्ट्र विधान परिषद के शताब्दी वर्ष के अवसर पर महाराष्ट्र विधान मंडल द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम

    सम्मानित उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी,

    श्री एकनाथ शिंदे, माननीय मुख्यमंत्री

    श्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री

    श्री अजित पवार, उपमुख्यमंत्री

    श्री राहुल नार्वेकर, अध्यक्ष, विधानसभा

    डॉ. श्रीमती नीलम गोरहे, उप-सभापति, महाराष्ट्र विधान परिषद

    सभागार में उपस्थित सभी सम्मानित विधायक तथा अधिकारी

    आमंत्रित अतिथि

    मीडिया प्रतिनिधि

    देवियों और सज्जनों,

    सबसे पहले संतों और समाज सुधारकों की महाराष्ट्र की पावन भूमि को वंदन करता हूं। इस सभागार में जिन महान व्यक्तियों की तस्वीरे सजी हैं, उन सभी विभूतियों को मैं नमन करता हूं।

    सम्मानित उपराष्ट्रपति की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित महाराष्ट्र विधान परिषद के शताब्दी वर्ष के अवसर पर मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूँ।

    देश के सबसे प्रतिष्ठित महाराष्ट्र विधान परिषद के शताब्दी कार्यक्रम में उपस्थित रहना मेरे लिये गौरव है।

    महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल एक ऐतिहासिक संस्था है, जिसने अपने १०३ वर्षों के दौरान संसदीय लोकतंत्र के सुचारू संचालन में उत्कृष्ट मानक स्थापित किए है।

    इस विधान मंडल के सम्मानित और विद्वान सदस्यों ने अनेक कानूनों के निर्माण में अपना अहम योगदान दिया है और महाराष्ट्र को प्रगतिशील राज्य बनाने में अपनी भूमिका निभाई है।

    इस सदन ने स्वर्गीय यशवंतराव चव्हाण, स्वर्गीय वसंतराव नाईक, एस एम जोशी, स्वर्गीय वसंतदादा पाटील, स्वर्गीय बालासाहेब देसाई, स्वर्गीय मनोहर जोशी, स्वर्गीय विलासराव देशमुख, बालासाहेब भारदे, अहिल्याबाई रांगणेकर, मृणाल ताई गोरे तथा गणपत राव देशमुख जैसे अनेक शीर्ष नेता दिये है।

    भारत की पहली महिला, राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने अपने संसदीय जीवन की शुरुआत इसी सदन से की थी।

    अपनी लंबी और शानदार यात्रा के दौरान, महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल ने शालीनता और मर्यादा के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है, जो अन्य विधान मंडलों के लिए मार्गदर्शक है।

    महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल जनहित के मुद्दों पर सटीक बहस के लिए जाना जाता है।

    सदन में होने वाली बहसों में किसानों, मजदूरों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और विभिन्न अन्य सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की चिंताओं को दर्शाया गया है।

    संसदीय लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च होती है। इसलिए राज्य विधानमंडल को राज्य के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए।

    भारत दुनिया के सबसे युवा राष्ट्रों के रूप में उभरा है।

    लोकतंत्र के कामकाज में राज्य की युवा शक्ति अधिक रुचि ले यह हम सभी की जिम्मेदारी है।

    हमारे विधान मंडलों को युवाओं की समस्याओं के प्रति अधिक सजग और संवेदनशील होना होगा।

    अगर हम अपने युवाओं तथा छात्र – छात्राओं की समस्याओं पर पर्याप्त ध्यान नहीं देंगे, तो उनका लोकतंत्र में विश्वास कम हो जायेगा।

    महिलाएं आज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व संभाल रही हैं। विधान मंडल में महिलाओं के मुद्दों पर पूरी गंभीरता से चर्चा होनी चाहिए।

    ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का मुद्दा कृषि समुदायों के जीवन और आजीविका को प्रभावित कर रहा है। किसान जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।

    जैसा कि आप जानते हैं, सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं। एक किसान का बेटा होने के नाते, मुझे लगता है कि किसानों के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

    महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच संबंध हमेशा ही स्वस्थ रहे हैं, जो हमारे लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।

    भारत में लोगों की आकांक्षाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस आकांक्षी भारत के अनुरूप हमारी विधायी संस्थाओं से लेकर प्रशासन तक, हमारी व्यवस्थाओं को विधि और नीति निर्माण से लेकर उनके क्रियान्वयन से ज्यादा गतिशील, उत्तरदायी और लक्ष्योन्मुखी होना अनिवार्य है।

    देश की जनता विधान मंडल की कार्यवाही देखती है। हमारी चर्चाओं, बहसों और जनता से जुडे प्रश्नोत्तरों के माध्यम से जन-विश्वास को बढ़ाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

    इन शब्दों के साथ, मैं महाराष्ट्र राज्य विधान परिषद को उसके शताब्दी वर्ष पर हार्दिक बधाई देता हूँ और सभी सदस्यों को उनके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करता हूँ।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।