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    07.04.2024 : ‘गव्हर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज NIT रायपुर पूर्व छात्र संघ’ द्वारा आयोजित ‘पूर्व छात्र सम्मेलन’

    Publish Date: April 7, 2024

    ‘गव्हर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज NIT रायपुर पूर्व छात्र संघ’ द्वारा आयोजित ‘पूर्व छात्र सम्मेलन’। एकर्स क्लब, चेंबूर मुंबई। 7 अप्रैल 2024

    श्री कैलाश धर दिवान जी, अध्यक्ष, GEC NIT रायपुर एलुमनाई एसोसिएशन (पूर्व अध्यक्ष, हिंदुस्तान कॉपर)

    श्री अनिल कुमार बंछोर जी, अध्यक्ष, GEC NIT एलुमनाई एसोसिएशन मुंबई चाप्टर (प्रबंध निदेशक, RDC रेडीमिक्स काँक्रीट कंपनी)

    एसोसिएशन के सभी सम्मानित सदस्य तथा परिवार जन

    बहनों और भाइयों,

    गव्हर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर के पूर्व छात्र संघ द्वारा आयोजित एलुमनाई मीट में आपके बीच उपस्थित रहकर वास्तव में खुशी हो रही है।

    छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर मुंबई में रहकर भी छत्तीसगढ़ आने का अनुभव हो रहा है। सुंदर प्रस्तुति के लिए सभी कलाकारों को धन्यवाद देता हूं।

    आपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में मुंबई और महाराष्ट्र में अपनी पहचान बनाई है, यह देखकर मेरा हृदय गर्व से भर जाता है।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि GEC रायपुर के पूर्व छात्र संघ के अकेले मुंबई महानगर में 350 से अधिक सदस्य सक्रिय हैं।

    जिनकी जड़ें छत्तीसगढ़ में हैं, ऐसे गव्हर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व स्नातक आज भी मुंबई में एक दुसरे से मिलते हैं, अपनी शिक्षा संस्थान के बारे में चिंतन करते है, अपनी संस्था के विकास के लिए प्रयास करते है, यह बहुत ही सराहनीय बात है।

    दुनिया भर के अग्रणी विश्वविद्यालयों के विकास में पूर्व छात्रों द्वारा निभाई गई भूमिका को अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है।

    हार्वर्ड सहित अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालयों के मामलों में पूर्व छात्र सक्रिय भागीदार हैं।

    हार्वर्ड के पूर्व छात्रों का वैश्विक, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव कितना बड़ा है, यह जानकर मै दंग रह गया।

    उनकी वेबसाइट से लिए गए आंकड़ों का हवाला देता हूं।

    हार्वर्ड के पूर्व छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में लगभग डेढ़ लाख उद्यम बनाए हैं।

    उन्होंने सालाना 2 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा कीं।

    पूर्व छात्र दुनिया भर में 3 लाख बोर्डों पर काम करते हैं।

    लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हार्वर्ड के पूर्व छात्र हर महीने 1.6 मिलियन घंटे स्वयंसेवक के तौर पर काम करते हैं।

    मुझे लगता है कि इस आखिरी बात का हमें अनुसरण करने का प्रयास करना चाहिए… अपने समाज को और यदि संभव हो तो संस्थान को हर महीने अधिक सेवा देनी चाहिए।

    मुंबई आयआयटी के पूर्व छात्र भी अपनी अल्मा मेटर को बहुत बडा आर्थिक योगदान देते है। कुछ वर्ष पहले नंदन निलेकणी ने आयआयटी को 315 करोड़ रुपये दिये थे।

    आपकी एसोसिएशन की जानकारी से पता चला की GEC के 50,000 से अधिक पूर्व छात्र है।

    सदस्यों के प्रोफाइल से पता चला कि, आप में मेकॅनिकल, इलेक्ट्रिकल, केमिकल सिव्हिल इंजिनिअर्स है। आर्किटेक्ट्स है, बायो-टेक्नॉलॉजिस्ट है, वैज्ञानिक है, उद्यमी है। आप सभी विकसित भारत में अहम भूमिका निभाने जा रहे है।

    मित्रों,

    पूर्व छात्र परामर्श देकर, नेटवर्किंग के माध्यम से, वित्तीय सहायता देकर, आपकी विशेषज्ञता और व्यावसायिक अनुभव साझा करके छात्रों और आपके शिक्षा संस्थान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
    आज हमारे छात्र, समग्र शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। वे उच्च शिक्षा प्राप्त करते समय वास्तविक कार्य जीवन का भी अनुभव चाहते हैं।

    इसलिए छात्रों के साथ जुड़ने, प्रशिक्षुता पद सृजित करने और परामर्श देने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।

    पूर्व छात्रों की भागीदारी और योगदान वर्तमान छात्रों के लिए सफल करियर का रस्ता तैयार कर सकता है। साथ ही, पूर्व छात्रों और उनके अल्मा मेटर के बीच संबंधों को और भी मजबूत कर सकता है।

    GEC NIT द्वारा पूर्व छात्रों को उनकी विशेषज्ञता से संबंधित प्रासंगिक विषयों पर अतिथि व्याख्यान, कार्यशाला और सेमिनार में सम्मिलित होने के लिए भी नियमित रूप से आमंत्रित किया जाना चाहिए।

    विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों में नोबेल पुरस्कार विजेता भी अध्यापन कार्य से जुड़े हुए हैं।

    मैं आपसे अपील करूंगा कि आप भी अपनी विशेषज्ञता और अनुभवों को साझा करने के लिए विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में अपने कॉलेजों में वापस जाएं। जिससे भावी छात्रों, संकाय और संसाधनों को आकर्षित करने में मदद मिल सकती है।

    भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय करण को बढावा देती है। आपको यह जानकर दिलचस्पी होगी कि USA, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया के कई विश्वविद्यालय न केवल हमारे छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि वे भारत में अपने कैम्पस भी खोल रहे हैं।

    हाल ही में अमरिका के 14 विश्वविद्यालयों के प्रमुखों के एक समूह ने राजभवन में मुझसे मुलाकात की। वे महाराष्ट्र के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी बनाने के इच्छुक हैं। वे योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान करते हैं।

    कई विदेशी विश्वविद्यालयों के अपने ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम हैं। आप सभी गव्हर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ बनाने में मदद कर सकते हैं।

    आप अपनी व्यस्तता की वजह से बार-बार रायपुर तो जा नहीं सकते। लेकिन मुझे लगता है कि आपको वर्तमान छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत करने के लिए टेक्नॉलॉजी की शक्ति का उपयोग करना चाहिए। आप छात्रों को ऑनलाइन संबोधित कर सकते है।

    हमारे देश ने, अगले कुछ वर्षो में, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है।

    सफल उद्यमी, टेक्नोक्रेट, सरकारी अधिकारी और बिजनेस लीडर के रूप में, आपको यह परिवर्तन लाने में प्रमुख भूमिका निभानी होगी।

    हमें मुंबई के लोगों से कई अच्छी बातें सीखनी चाहिए। विशेषकर यहां की कार्य संस्कृति और व्यावसायिकता।

    आपमें से कई लोग कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी में शामिल होंगे, जो सराहनीय बात है।

    लेकिन मैं चाहता हूं कि हमें अपनी ‘व्यक्तिगत सामाजिक जिम्मेदारी’ (इंडिविजुअल सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) का भी निर्वहन करना चाहिये।

    मैं आपसे समाज के साथ अपना जुड़ाव बढ़ाने, उभरते छात्रों को उपयुक्त नौकरियां ढूंढने में मदद करने, उन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करने और अपने मातृ संस्थान तक पहुंचने की अपील करूंगा।

    मुंबई में राजस्थानी लोगों ने बहुत जगह छात्रावास खोले है। वहाँ रहकर राजस्थान के छात्र छात्राएं CA, कंपनी सेक्रेटरी की पढाई करते है। इसीलिए राजस्थानी समाज से बहुत अधिक संख्या में युवक CA, CS होते है।

    मेरा आप से अनुरोध है कि आप छत्तीसगढ़ से मुंबई आ रहे छात्र – छात्राओं के लिए एक छात्रावास बनाने के बारे में सोच सकते हैं।

    इन शब्दों के साथ, मैं आपको पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई देता हूं और GEC NIT के पूर्व छात्रों को आपके भविष्य के प्रयासों में सफलता की शुभकामनाएं देता हूं।

    जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र ! जय छत्तीसगढ़ !!